GURU VACHAN
बीज सदैव धरती के भीतर होता है। वह कभी दिखाई नहीं देता लेकिन उसी के भीतर से एक विशाल वृक्ष का सृजन होता है। यदि एक स्वप्न एक आशा का बीज आप अपने मन में उत्पन्न कर लें और निरन्तर उसे पोषण प्रदान करें तो एक न एक दिन वह अवश्य ही उपलब्धि बनकर आपके पास खडा़ हो जाएगा।
-परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज
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